ई-चालान नहीं भरने पर हो सकती है कोर्ट में पेशी

वाहन चालक जो यातायात के नियम तोड़ते हैं उनके लिए एक बुरी खबर है। बता दे कि अब कोर्ट के आदेश पर ई-चालान जमा न करने वाले वाहन चालकों को जुर्माना भरना पड़ेगा। साथ ही आरटीओ से उनका कोई काम भी नहीं होगा और ट्रैफिक पुलिस द्वार पकडे जाने पर उनके पास बकाया ई-चालान का सारा रिकॉर्ड होगा। अब तक 1 फरवरी से पांच मार्च तक शहर में करीब सात हजार ई-चालान बन चुके हैं।
अब आईटीएमएस की चालानी प्रक्रिया में जैसे ही चालान कटेगा, वैसे ही मैसेज द्वारा वाहन मालिक को उसके मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंच जाएगा।
इस चालान पर आपत्ति जताने के लिए वाहन मालिक को 15 दिन का समय भी दिया गया है। जिसके चलते वह ट्रैफिक डीएसपी के पास जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। ट्रैफिक डीएसपी या यातायात थाने में उसकी सुनवाई कर अगर चालान सही पाया जाता है तो वह थाने में भी जुर्माना भर सकता है। यदि 15 दिन के भीतर वह अपना जुर्मान नहीं भरता तो ई-चालान जिला न्यायालय के वर्चुअल कोर्ट में चला जाएगा। इतना ही नहीं ई-चालान परिवहन विभाग की वेवसाइट और यातायात पुलिस की पीयूएस मशीन में भी रिकार्ड हो जाएगा। इसके बाद कोर्ट में तारीखें देकर मामले की सुनवाई कर वाहन मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा।

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