शिमला। हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान अभी थमा नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी, 6 विधायक जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा और दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ याचिका मिली। मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस MLA और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने 6 कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी। इन 6 कांग्रेस विधायकों पर आरोप है कि व्हिप जारी होने के बावजूद भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की। वहीं बजट पारित करने के दौरान व्हिप जारी होने के बावजूद सदन में मौजूद नहीं रहे।
इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में सभी कांग्रेस विधायकों की ‘ब्रेकफास्ट मीटिंग’ बुलाई है। बैठक से पहले कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है, देखते हैं क्या होता है…”। इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी, इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
हिमाचल में राज्यसभा की एक खाली सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव के बाद सियासी समीकरण बदल गए हैं। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधायकों ने मतदान किया था। कांग्रेस के पास 40 विधायक थे, लेकिन 6 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी है, जिसके कारण कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। 6 कांग्रेस विधायकों को बागी हो जाने के बाद अब कांग्रेस के पास सिर्फ 34 विधायक ही बचे। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार संकट में आ गई है।
