मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। कांग्रेस ने इस पर उनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की थी।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक रहते भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत के विरुद्ध कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा प्रस्तुत दलबदल कानून के तहत सदस्यता समाप्त करने का आवेदन निरस्त कर दिया है।
आवेदन पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर कोई निर्णय लेते इसके पहले ही रावत ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे आठ जुलाई को इसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद सदस्यता समाप्त करने के आवेदन का कोई औचित्य नहीं रह गया था इसलिए इसे निरस्त कर दिया।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे
इसी अवसर पर मुरैना नगर निगम की महापौर शारदा सोलंकी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। रावत कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नहीं आए। पार्टी ने मान लिया कि वे अब अपने साथ नहीं है इसलिए उन्हें सदन में अपने साथ न बैठाने का निर्णय लेकर आसन क्रम सूची में नाम ही नहीं भेजा।
कार्य मंत्रणा समिति से भी उनके स्थान पर दतिया से विधायक राजेंद्र भारती को सदस्य नामांकित कर दिया। मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रावत के विरुद्ध दलबदल कानून के अंतर्गत सदस्यता समाप्त करने का आवेदन दिया।
विधानसभा अध्यक्ष इस पर विचार करते, इसके पहले ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद दलबदल कानून के तहत कार्रवाई का कोई विषय ही नहीं रह गया था इसलिए आवेदन को निरस्त कर दिया।