उज्जैन में 1500 डमरू एक साथ बजाकर बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, शाम को निकलेगी सवारी… कीजिए महाकाल के दर्शन

सावन मास के तीसरे सोमवार पर आज महाकाल की तीसरी सवारी निकलेगी। इसमें 1500 डमरू वादक प्रस्तुति देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम इसके लिए उज्जैन पहुंची है।
सावन के तीसरे सोमवार पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। आज तड़के भस्मारती में महाकाल का विशेष शृंगार हुआ। शहर में 1500 लोगों द्वारा एक साथ डमरू बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है।
सावन मास के प्रत्येक सोमवार को निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के क्रम में आज तीसरी सवारी निकलेगी। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में सवार होकर निकलेंगे।
शाम 4 बजे शुरू होगी सवारी
महाकाल का एक स्वरूप मनमहेश के रूप में हाथी पर सवार होगा, वहीं गरुड़ रथ पर शिव तांडव के रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे सवारी शुरू होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर पहुंचेगी।

1500 लोगों ने एक साथ डमरू बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
वहां पूजन व आरती के पश्चात सवारी फिर महाकाल मंदिर आएंगी। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के शामिल होने की भी संभावना है। महाकाल मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि आज एक साथ 1500 डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बना है।

गिनीज बुक की टीम ने की निगरानी
सवारी शुरू होने से पहले श्री महाकाल महालोक के सामने शक्ति पथ पर वादक भस्म आरती की धुन पर 10 मिनट की प्रस्तुति दी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ड्रोन तथा कैमरों से प्रस्तुति की निगरानी की। शक्ति पथ पर प्रस्तुति के बाद सभी डमरू वादक भगवान महाकाल की सवारी में भी शामिल होंगे।
ओंकारेश्वर में दूध से होगा महाअभिषेक

ओंकारेश्वर में सोमवार को ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर के पूजा-पाठ व आरती की जाएगी। इसके पश्चात उनकी सवारी परंपरागत मार्गों से निकलेगी। भगवान ओंकारेश्वर के रजत पंचमुखी मुख का कोटितीर्थ घाट पर 251 लीटर दूध से महाअभिषेक किया जाएगा। यहां भी मां नर्मदा व ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने बड़ी संख्या में भक्त पहुंचेंगे।
सवा लाख बिल्व पत्रों से शृंगार
रविवार को हरियाली अमावस्या पर ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर का तड़के 4 बजे हुई भस्म आरती में बिल्व पत्रों से अद्भुत शृंगार किया गया। पं. विकास पुजारी ने भगवान महाकाल का प्रकृति रूप में शृंगार किया।
इस दौरान बाबा को सवा लाख बिल्व पत्र की माला पहनाई गई, इसके पश्चात भस्म आरती की गई। सैकड़ों श्रद्धालु इस अद्भुत पल के साक्षी बने। बता दें कि सावन मास में देश-दुनिया से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करने तीर्थनगरी उज्जैन पहुंच रहे हैं।

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