एमपी के 10 जिलों में भारी बारिश, मंडला में नर्मदा नदी में बाढ़

भोपाल : मध्यप्रदेश में अगस्त की शुरुआत भारी बरसात से हुई है। गुरुवार को भोपाल, रायसेन समेत 10 जिलों में तेज और रिमझिम बारिश का दौर जारी है। राजधानी में बच्चों से भरी स्कूली वैन नाले में फंस गई। उसे जेसीबी की मदद से निकाला जा सका। पुराने भोपाल में कुछ इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं।

मंडला में नर्मदा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई। रामनगर और छोटा पुल डूब गया है। नदी का जलस्तर 437.30 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 437.80 मीटर है। इधर,​​​​​​मंडला में बुढ़नेर नदी में आई बाढ़ में एक महिला फंस गई थी। एसडीईआरएफ ने उसका रेस्क्यू किया।

प्रदेश में विदिशा, शाजापुर, राजगढ़, गुना, सतना, जबलपुर, नर्मदापुरम और रतलाम में भी पानी गिरा। इससे पहले मौसम विभाग ने भोपाल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के 19 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

अगस्त के पहले ही दिन प्रदेश में स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो गया है, जो अगले 4 दिन तक बना रहेगा। मध्यप्रदेश में सीजन की 51% यानी 18.9 इंच बारिश हो चुकी है। जुलाई में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। अगस्त में भी ऐसे ही आसार हैं।

आईएमडी, भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, अभी मानसून ट्रफ प्रदेश से थोड़ी ऊपर है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन अरब सागर की ओर है। एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी है। अब इनकी स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी देखने को मिल सकती है। इसलिए अगले 4 दिन के लिए प्रदेश में कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश का अनुमान है।

प्रदेश में 21 जून को मानसून एंटर हुआ था। इसे 40 दिन बीत चुके हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी सिवनी में 31.74 इंच गिरा। रीवा में आंकड़ा 8 इंच तक भी नहीं पहुंचा है। अब जो सिस्टम एक्टिव हो रहा है, उसका असर पूर्वी हिस्से- जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में ज्यादा देखने को मिलेगा। इसलिए आंकड़ा बढ़ेगा।

अब तक प्रदेश में ओवरऑल 7% बारिश ज्यादा हो चुकी है। इसमें पूर्वी हिस्से में 1% और पश्चिमी हिस्से में 14% ज्यादा पानी गिरा है।

मंडला जिले में 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई है। सबसे अधिक 99.6 मिमी बारिश बिछिया तहसील में दर्ज की गई हैं। वहीं जिले भर में औसतन 57.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई हैं।

मंडला में नर्मदा नदी का जल स्तर 437.30 मीटर ( गुरुवार शाम 5 बजे तक) हैं। जबकि खतरे का निशान 437.80 मीटर है।

नगर में नर्मदा नदीं पर बने बड़े पुल की लंबाई 705 मीटर और चौड़ाई 8.40 मीटर है। इसपर 7.50 मीटर चौड़ी सड़क बनी है। नदी के तल से इसकी ऊँचाई 12 मीटर है।

 

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