नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्र में बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी से इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नर्मदा नदी में उफान आ गया है। इस कारण ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के घाट जलमग्न हो गए हैं। बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए ओंकारेश्वर बांध के गेटों की संख्या बढ़ा कर 18 कर दी है। यहां से 10412 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
पावर हाउस की आठ टरबाइन चला कर 520 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। टरबाइन से 1900 क्यूसेक पानी छोड़ने से नर्मदा के डाउन स्ट्रीम में कुल 12312 क्यूमेक्स पानी का नर्मदा में प्रवाह हो रहा है। बुधवार दोपहर को इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद जलस्तर नियंत्रित नहीं होने से गुरुवार को गेट और छोडे जा रहे पानी की मात्रा बढ़ा दी है।
बुधवार को ओंकारेश्वर बांध के नौ गेट खोले गए थे। गुरुवार को इनकी संख्या बढ़ाकर 18 कर दी गई है।
ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले जाने की वजह से ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने वजह से नदी में 300 से अधिक नावों के चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
ओंकारेश्वर में इस कारण अब नर्मदा नदी के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान पर भी रोक लगा दी गई है।
कोठीतीर्थ, चक्रतीर्थ घाट, नागरघाट, अभयघाट, ब्रह्मपुरीघाट और गोमुखघाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।
खंडवा, खरगोन, देवास और हरदा जिला प्रशासन ने नागरिकों से नर्मदा के तट से दूर रहने की अपील की है।
जलस्तर व गेटों की संख्या में वृद्धि की संभावना देखते हुए निचली बस्ती और घाटों को खाली करवा दिया है।
स्थानीय दुकानदारों की शिकायत है कि उन्हें समय रहते सूचित नहीं किया जाता है। अचानक सामान हटाने से उनका आर्थिक नुकसान होता है।
हंंडिया की ओर से नर्मदा में आ रहे पानी से इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ने से गुरुवार को बांध के गेटों की ऊंचाई बढ़ा कर तीन मीटर कर दी है। यहां 12 गेटों से लगभग 8568 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। आठ टरबाइन चलने से 1840 क्यूमेक्स पानी का प्रवाह हो रहा है। इस प्रकार ओंकारेश्वर बांध के जलाशय में करीब 10412 क्यूमेक्स पानी पहुंच रहा है। बताया जाता है कि तवा और बरगी बांध के गेट खुलने पर पानी की आवक बढ़ने पर गेटों की संख्या बढ़ सकती है।