शहर में 65 से अधिक कॉलोनियां हैं, जिनमें लगभग 70 हजार रहवासी बिजली कंपनी के उपभोक्ता नहीं हैं। वह कॉलोनाइजर के नाम पर ही उपलब्ध कनेक्शन से बिजली ले रहे हैं। जब तक ये रहवासी बिजली कंपनी के उपभोक्ता नहीं बनेंगे, तब तक उन्हें यह दो सुविधा नहीं मिल पाएंगी।
शहर में अनेक कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां रहने वाले लोगों को स्थायी बिजली कनेक्शन लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। दरअसल, उन्होंने घर बनाने के बाद बिजली कॉलोनाइरों से ले ली है। अब तक वह इसी का उपयोग कर रहे थे और बिल की राशि कॉलोनाइजन को अदा कर रहे थे।
अब जब उन्होंने खुद का स्थायी कनेक्शन लेना चाहा तो नहीं मिल रहा है। वह इसके लिए बिजली कंपनी के कार्यालय और अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए हैं। इतना ही नहीं, उनको सब्सिडी वाला सोलर पैनल भी नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि शहर में 65 से अधिक कॉलोनियां हैं, जिनमें लगभग 70 हजार रहवासी बिजली कंपनी के उपभोक्ता नहीं हैं। वह कॉलोनाइजर के नाम पर ही उपलब्ध कनेक्शन से बिजली ले रहे हैं। जब तक ये रहवासी बिजली कंपनी के उपभोक्ता नहीं बनेंगे, तब तक उन्हें यह दो सुविधा नहीं मिल पाएंगी।
महंगी पड़ती है बिजली
एक कॉलोनी के रहवासियों के साथ एक सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इन्हें आम उपभोक्ताओं की तुलना में लगभग दो से लेकर ढाई रुपये प्रति यूनिट बिजली महंगी पड़ती है। आम उपभोक्ताओं को बिजली खपत के अलावा सभी चार्ज मिलाकर 7.45 रुपये प्रति यूनिट देने पड़ते हैं। वहीं कॉलोनी के उपभोक्ताओं को 9.45 से लेकर 10.25 रुपये तक देने पड़ रहे हैं।
निरस्त हुए आवेदन
मालीखेड़ी में रहने वाले आशाराम ने बताया कि उनके साथ ही 22 लोगों ने मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। सभी आवेदन रिजेक्ट हो गए। अधिकारियों ने साफ कह दिया कि नया कनेक्शन नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि नियामक आयोग ने हाल ही में नियमों में संशोधन कर दिया है, फिर भी कनेक्शन नहीं मिला।
हाल मे किया गया है संशोधन
नियामक आयोग द्वारा हाल ही में किए गए प्रविधान के मुताबिक जिस कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने सिंगल प्वाइंट एचटी कनेक्शन लिया है, वहां के रहवासी चाहें तो बिल्डर द्वारा बिछाए गए नेटवर्क के जरिए ही अलग से बिजली का नया कनेक्शन ले सकते हैं। बिजली कंपनी ऐसी कॉलोनी में 50 प्रतिशत कनेक्शन दे सकती है।
कॉलोनाइजर अपने लिए व्यावसायिक कनेक्शन पर रहवासियों को बिजली दे सकते हैं। कंपनी अभी स्थायी कनेक्शन नहीं दे सकती है, क्योंकि अचानक से समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। ट्रांसफार्मर, मीटर, पोल की व्यवस्था करने के साथ ही स्पॉट बिलिंग करने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट करना हागा।
-जेड ए खान, जनरल मैनेजर शहर वृत्त, मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

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