खून की नस तक फैल चुका था पैन्क्रियाज कैंसर, बीएमएचआरसी में की गई जटिल सर्जरी, मरीज को मिला आराम

पोर्टल वेन एक बहुत महत्वपूर्ण नस होती है, जो गैस्टोइन्टेस्टाइनल टैक्ट, गाल ब्लैडर, पैन्क्रियाज और स्पलीन से रक्त को लिवर तक पहुंचाती है। आपरेशन करने पर नस फट सकती थी, जो मरीज के लिए घातक साबित होती। इसके बाद मरीज बीएमएचआरसी में पहुंची। मरीज की परेशानी को देखते हुए हमने यह रिस्की सर्जरी करने का फैसला किया।
पैंन्क्रियाज कैंसर (अग्न्याशय का कैंसर) से पीड़ित एक 30 वर्षीय महिला की बीएमएचआरसी में जटिल सर्जरी हुई है। अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के डाक्टर ने अन्य चिकित्सकों व अपनी टीम के साथ मिलकर इस सर्जरी को पूरा किया है। इस केस में कैंसर पैंन्क्रियाज के पास खून की नस से चिपक गया था और सर्जरी के दौरान छोटी सी गलती भी मरीज के लिए घातक हो सकती थी।
बाहर से खून देनी की नहीं पड़ी जरूरत
बीएमएचआरसी के सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सोनवीर गौतम ने बताया कि महिला बीते चार महीने से पैन्क्रियाज कैंसर से जूझ रही थी। वह एक अन्य अस्पताल में उनका आपरेशन के लिए भर्ती हुई थीं, लेकिन डाक्टर ने यह कहते हुए आपरेशन करने से मना कर दिया कि कैंसर पैन्क्रियाज से निकलकर पास स्थित खून की नस पोर्टल वेन तक पहुंच गया है।

पोर्टल वेन एक बहुत महत्वपूर्ण नस होती है, जो गैस्टोइन्टेस्टाइनल टैक्ट, गाल ब्लैडर, पैन्क्रियाज और स्पलीन से रक्त को लिवर तक पहुंचाती है। आपरेशन करने पर नस फट सकती थी, जो मरीज के लिए घातक साबित होती। इसके बाद मरीज बीएमएचआरसी में पहुंची। मरीज की परेशानी को देखते हुए हमने यह रिस्की सर्जरी करने का फैसला किया।

इन्टरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डा. राधेश्याम मीणा से केस के बारे में चर्चा की और यह बात सामने आई कि खून की नस से कैंसर को हटाया जा सकता है। इसके बाद मरीज का आपरेशन किया, जो पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने बताया कि इस तरह का आपरेशन करीब 10—12 घंटे में पूरा होता है, लेकिन हमने सिर्फ चार घंटे में ही इसे पूरा कर लिया।

इससे मरीज की जल्द रिकवरी में मदद मिली। आमतौर पर इस तरह के आपरेशन में खून बहने की वजह से मरीज को ब्लड टांसफ्यूज करना पड़ता है, लेकिन इस केस में बाहर से ब्लड देने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। मरीज की हालत में अब काफी सुधार है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
मरीज अत्यंत गंभीर स्थिति में बीएमएचआरसी आई थी। कैंसर काफी फैल चुका था और सर्जरी काफी रिस्की थी। मरीज अब स्वस्थ होकर अपने घर लौटी हैं, यह हमारे लिए काफी संतुष्टि की बात है।

डा. मनीषा श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक, बीएमएचआरसी, भोपाल

क्या होता है पैन्क्रियाज कैंसर

यह एक प्रकार का कैंसर है, जो पैन्क्रियाज से शुरू होता है। पैन्क्रियाज हमारे पेट के निचले हिस्से में मौजूद होता है। यह एन्जाम्स बनाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं और हार्मोन पैदा करता है, जो ब्लड शुगर के नियंत्रण में सहायक होते हैं।

क्या है कारण

-पैन्क्रियाज कैंसर किस वजह से होता है, इस बारे में दावे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हालांकि निम्नलिखित वजहों से इसके होने की आशंका बढ़ जाती है।

– स्मोकिंग करना

– पैंन्क्रियाइटिस

– परिवार में पहले किसी को यही बीमारी होना

– मोटापा

– अत्यधिक शराब का सेवन करना

लक्षण: -पेट में दर्द, भूख न लगना, वजन कम होना, पीलिया होना, गहरे रंग की यूरिन होना, खुजली होना, डायबिटीज नियंत्रित न होना

फैक्ट फाइल

-भारत में प्रति वर्ष पैन्क्रियाज कैंसर के 10860 मामले सामने आते हैं।

– प्रति एक लाख लोगों में से हर दो पुरुष और एक महिला इस कैंसर से पीड़ित हैं।

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