झाबुआ, 25 नवंबर । जिले के थान्दला अनुविभाग के अनुविभागीय दंडाधिकारी को थान्दला से जिला मुख्यालय पर स्थानांतरित किए जाने के जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश के एक दिन बाद ही कलेक्टर द्वारा स्थानांतरण आदेश राज्य निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण कार्यक्रम का हवाला देते हुए वापस ले लिया गया। यथास्थिति बरकरार रखते हुए स्थानांतरित किए गए एसडीएम को पुनः थांदला अनुविभागीय दंडाधिकारी के रूप में पदस्थ कर दिया गया है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर द्वारा 21नवंबर को एक आदेश जारी कर थांदला अनुविभाग के अनुविभागीय दंडाधिकारी अनिल भाना को थांदला अनुविभाग से हटाकर झाबुआ स्थानांतरित कर दिया गया था। उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर, झाबुआ, तरूण जैन को थांदला एसडीएम के रूप में पदस्थ किया गया था। किन्तु अभी इस आदेश को जारी हुए एक ही दिन हुआ था तभी झाबुआ कलेक्टर द्वारा एक दिन पूर्व का अपना ही आदेश रद्द करते हुए 23 नवम्बर को एक अन्य संशोधित आदेश जारी कर दिया गया। इसमें थांदला एसडीएम के रूप में पदभार ग्रहण कर चुके तरूण जैन को पुनः झाबुआ बुला लिया गया, एवं थांदला से एक दिन पूर्व स्थानांतरित किए गए एसडीएम अनिल भाना को थांदला एसडीएम की जिम्मेदारी फिर से सौंप दी गई। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए अपने नवीन आदेश में राज्य निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण कार्यक्रम का हवाला दिया गया है, किन्तु यह विषय तो कलेक्टर की जानकारी में पहले से ही था, ऐसी स्थिति में एसडीएम थांदला, अनिल भाना को यहां से स्थानांतरित ही क्यों किया गया?
अनिल भाना निश्चित रूप से एक तजुर्बेदार प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे हैं और श्रीमती रजनीसिंह द्वारा कलेक्टर के रूप में लिए गए निर्णयों में भी उनकी परिपक्वता और प्रशासनिक कुशलता भासित होती रही है। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण कार्यक्रम की विषयवस्तु भी कलेक्टर को पहले से ही ज्ञात थी, ऐसी स्थिति में जिला कलेक्टर महोदया द्वारा किया गया उक्त प्रशासनिक फेरबदल जहां एक तरफ जल्द बाजी में लिया गया निर्णय लगता है, वहीं औचित्यहीन भी दिखाई देता है।
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