मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को गहरे पानी में नहीं जाने की समझाइश दी जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बाढ़ कंट्रोल रूम में भी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर उपस्थित रहने और जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों को सभी प्रबंध सुनिश्चित करते रहने को भी कहा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव नई दिल्ली से लौटकर सीधे स्टेट हैंगर से बाढ़ कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि जहां-जहां अति वर्षा और बाढ़ के हालात हैं, वहां प्रशासन से तालमेल करें। वरिष्ठ अधिकारी सभी स्थितियों पर निरंतर नजर रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा की स्थिति को देखते हुए जहां जरूरत हो, वहां रेस्क्यू के लिए हेलीकाप्टर की व्यवस्था भी करें। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले ट्यूबवेल से होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हो। बांधों से जल प्रवाह की स्थिति पर नजर रखें। गेट खुलने के बाद जो क्षेत्र जलमग्न हो सकते हैं, वहां आवश्यक व्यवस्था करें।
डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे स्थान जहां भी पुल के ऊपर पानी बह रहा हो, वहां नागरिकों को नहीं जाना चाहिए। इस संबंध में सभी सजग रहें। जनहानि न हो, यह ध्यान रखा जाए। कंट्रोल रूम में भी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर उपस्थित रहें और जिलों में प्रशासनिक अधिकारी सभी प्रबंध सुनिश्चित करते रहें।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा किए जा रहे कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त की। वहीं, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डाॅ. राजेश राजोरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश में वर्षा की स्थिति पर चर्चा की।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा किए जा रहे कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त की। वहीं, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डाॅ. राजेश राजोरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश में वर्षा की स्थिति पर चर्चा की।

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