दो आरोपियों ने मिलकर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। इसके पहले आरोपियों में से एक ने उसके साथ कथित तौर पर शादी की जबकि दूसरे ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में विशेष न्यायालय द्वारा आरोपियों को दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। मामले में शासन की ओर से एमआर खान विशेष लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई।
एडीपीओ एवं सहायक मीडिया सेल प्रभारी यशपाल सिंह यादव ने बताया कि 10 जून 2020 को पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ संबंधित थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक रात पहले परिवार के लोग खाना खाकर सो गए। सुबह जब पिता ने अपनी बेटियों को जगाने के लिए आवाज दी तो छोटी बच्ची ने बताया कि दीदी घर पर नहीं है जिसके बाद परिजनों ने उसे रिश्तेदार एवं आसपास में तलाश किया लेकिन पीड़िता नहीं मिल सकी। जिसके बाद परिजनों ने कचनार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने 12 जून को पीड़िता को दस्तयाब किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 9 जून की रात में अपने घर पर सो रही थी, तभी रात्रि करीब 11 बजे आरोपी दीपक उर्फ जीतेश ने उसके घर पर पत्थर मारकर उसे नीचे बुलाया। जब वह नीचे गई तो आरोपीगण ने दुपट्टे से उसका मुंह बंद कर दिया और मोटर साइकिल पर जबरदस्ती बैठाकर ले गए। आरोपी छोटू शर्मा ने आरोपी जीतेश से उसकी शादी करवाई। आरोपी जीतेश और छोटू ने उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया था।
विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत आरोपीगण को दोषी पाते हुये दोषसिद्धि का निर्णय पारित किया गया।