पोषण आहार योजना में भ्रष्टाचार नहीं, एजी की ऑडिट रिपोर्ट अंतिम नहीं : मध्य प्रदेश के गृह मंत्री
भोपाल, 7 सितंबर 2022। मध्य प्रदेश सरकार ने पूरक पोषण आहार योजना के क्रियान्वयन में हो रही अनियमितताओं से बुधवार को इनकार किया और कहा कि इस पर महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट अंतिम नहीं है।
मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश महालेखाकार (एजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत ‘पोषण आहार या पूरक पोषाहार योजना’ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने एजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि खाद्य सामग्री के परिवहन के रिकॉर्ड में उल्लिखित ट्रक दरअसल परिवहन विभाग के पोर्टल में जांच करने पर मोटरसाइकिल और कार निकले।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एजी की रिपोर्ट एक राय है ‘अंतिम’ नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया था कि पोषण-आहार ऐसे वाहनों में ले जाया गया, जिनके पंजीकरण नंबर कार, स्कूटर या ट्रैक्टर से मेल खाते हैं और वाहन पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि वे पंजीकृत नहीं हैं। लेकिन तथ्य यह है कि रिपोर्ट में एक पंजीकरण संख्या एमपी 15 एवी 3835 का उल्लेख किया गया है, जबकि विभाग के रिकॉर्ड में उल्लेखित संख्या एमपी 15 एलए 3835 है और यह नंबर वजन और सेतु पार करते समय तथा सुरक्षा रजिस्टरों में भी दर्ज है।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘ऑडिट को रिपोर्ट देने से पहले, अधिकारियों को सागर जिले में बनाए गए वजन और सेतु तथा सुरक्षा रजिस्टरों में की गई प्रविष्टियों को रिकॉर्ड करना चाहिए था।’’
मिश्रा ने कहा कि ऑडिट ने यह लिखा है कि आठ जिलों में लगभग 97,656 मीट्रिक टन का पोषण आहार प्राप्त हुआ, लेकिन आंगनवाड़ियों में लगभग 86,377 मीट्रिक टन परिवहन किया गया। शेष पोषण आहार भंडार में भी नहीं पाया, जबकि विभाग ने प्रारंभिक जांच में यह पाया कि ऑडिट दल ने उसी पोषण आहार की मात्रा को हिसाब में लिया जिसके परिवहन देयकों का भुगतान हो चुका है जिन देयकों का भुगतान नहीं हुआ उतने पोषण आहार की उन्होंने गणना नहीं की। यह पोषण आहार परिवहन हुआ था, इसलिए वह भंडार में नहीं था। मात्र परिवहन का भुगतान नहीं होने के कारण यह नहीं माना जा सकता कि पोषण आहार वास्तव में परिवहन नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, लेखा परीक्षक ने दो सप्ताह में तथ्यात्मक जानकारी मांगी थी ताकि वे इसे कैग (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में शामिल करने या नहीं करने पर निर्णय ले सकें।
मिश्रा ने कहा कि विचाराधीन रिपोर्ट अंतिम नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पोषण आहार कार्यक्रम में कोई अनियमितता नहीं है और राज्य सरकार इस मुद्दे पर दो सप्ताह में विस्तृत जवाब देगी।
मंगलवार को भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और राज्य में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के. के. मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार, 2021 तक 4.05 मीट्रिक टन राशन 1.35 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया जिस पर 2393.21 करोड़ रुपये की लागत आयी। उसमें विशेष तौर पर कहा गया है कि परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल के माध्यम से जांच करने पर खाद्य सामग्री के परिवहन के रिकॉर्ड में उल्लिखित ट्रकों की पंजीकरण संख्या मोटरसाइकिल, कार, ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर और टैंकर के निकले हैं।’’
योजना में कथित अनियमितताओं की तुलना बिहार के कुख्यात चारा घोटाले से करते हुए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री चौहान के पास है।
रिपोर्ट
प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज