केंद्रीय मंत्रिमंडल में से 19 मंत्री चुनाव हार गए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के मंत्रियों ने इज्जत बचाई है…। अब भोपाल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने पर चर्चा तेज हो गई हैं…भाजपा के गठबंधन वाली सरकार देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली है। लोकसभा चुनाव 2024 में पिछली सरकार के करीब 19 केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए थे, अब ऐसे में इनकी छुट्टी होना तय है। जबकि मध्यप्रदेश के पांच मंत्रियों में से तीन केंद्रीय मंत्री चुनाव जीत गए हैं और दो मंत्रियों ने विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तीफा दे दिया था।
मध्यप्रदेश कोटे के पांच मंत्रियों में से इस बार कितने मंत्री केंद्र सरकार में बनेगा, इसे लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। हाल ही में चुनाव जीतकर गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विरेंद्र कुमार खटीक, फग्गन सिंह कुलस्ते को फिर से कैबिनेट में लिया जा सकता है। जबकि विदिशा लोकसभा से चुनाव जीतकर गए शिवराज सिंह चौहान को भी नई सरकार के कैबिनेट में मंत्री मिलने पर चर्चाएं चल रही है।मध्यप्रदेश कोटे के पांच मंत्रियों में से इस बार कितने मंत्री केंद्र सरकार में बनेगा, इसे लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। हाल ही में चुनाव जीतकर गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विरेंद्र कुमार खटीक, फग्गन सिंह कुलस्ते को फिर से कैबिनेट में लिया जा सकता है। जबकि विदिशा लोकसभा से चुनाव जीतकर गए शिवराज सिंह चौहान को भी नई सरकार के कैबिनेट में मंत्री मिलने पर चर्चाएं चल रही है।
भोपाल संसदीय क्षेत्र केंद्रीय चुनाव के लिहाज से प्रयोगशाला ही रहा। यहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को सांसद बनाकर स्थानीय राजनीति को मजबूत बनाए रखकर राज्य के नए मुख्यमंत्रियों के लिए लगातार केंद्रीय मॉनीटरिंग की व्यवस्था रखी गई। जब जोशी ने चुनाव लडऩे से इंकार किया और शहर में इस सीट के नए दावेदार उभरे तो केंद्र ने आलोक संजर को टिकट देकर बताया कि उनके लिए सब कार्यकर्ता समान हैं। ये संदेश पूरे देश में फैलाया गया। 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिन्दुत्व व भगवा आतंकवाद को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने लगी तो 2019 में भाजपा ने हिन्दुत्व कार्ड के तहत भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को दिग्विजय सिंह के खिलाफ खड़ा कर दिया।