मंत्रालय में टायपिंग घोटाले के आरोपियों पर गिरेगी गाज

मप्र सरकार के सचिवालय में नौकरी कर रहे टायपिंग घोटाले के आरोपियों पर गाज गिरना तय है। पिछले हफ्ते मामला सामने आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी थी।

इसके बाद जीएडी के उपसचिव माधवी नागेन्द्र ने जांच पेश कर दी है। इसके बाद 9 आरोपियों में से 6 पर भी निलंबन की गाज गिरना तय है। जबकि 3 आरोपी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। यहां बता दें कि इस संंबंध में ‘अग्निबाणÓ ने जीएडी एवं एसटीएफ के हवाल से पिछले हफ्ते खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद से विभाग ने आरोपियों पर समानता के आधार पर कार्रवाई की तैयारी की है। निलंबित कर्मचारी शैलेन्द्र पांडे ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को यह आवेदन दिया है। इसके बाद जीएडी और एसटीएफ हरकत में आए। जीएडी के जो अधिकारी आरोपियों पर कार्रवाई करने में एसटीएफ को पत्र लिखने की खानापूर्ति कर रहे थे, उन्होंने कार्रवाई प्रतिवेदन तैयार कर दिया है।

शिकायत में बताया कि टायपिंग परीक्षा मामले में अमित मस्कोले ग्रेड-3, जयेन्द्र वारिया स्टेनोटाइपिस्ट ने 2019 में जिस प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई थी, वह 2017 में ही निरस्त हो गया था। नौकरी के लिए दोनों ने विभाग से जानकारी छिपाई थी। इन पर अपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो सकता है। इसी तरह प्रीतिवाला चौहान ग्रेड-3, शिवानी पचौरी ग्रेड-3, बलबंल वारिया ग्रेड-3, रमाकांत कोरी स्टेनाटायपिस्ट, मयंक मालवीय ग्रेड-3, वर्षा नामदेव ग्रेड-3 भी आरोपी हैं। इनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हो चुका है। इन्हें निलंबित किया जा सकता है। अन्य तीन कर्मचारी शैलेन्द्र पांडे, वर्षा नामदेव और मयंक मालवीय को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। हालांकि इन्होंने सीपीसीटी के आधार पर नियुक्ति पाई थी।
आरोपियों पर कार्रवाई में भेदभाव पर सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपर मुख्य सचिव को सभी आरोपियों पर समान कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद जीएडी की उप सचिव मावधी नागेन्द्र ने एसटीएफ को पत्र लिखकर आरेापियों की जानकारी मांगी थी। इनमें से 3 की जानकारी जीएडी को मिली थी। जिस पर निलंबित किया गया। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों की जानकारी एसटीएफ ने जीएडी को भेज दी है। जिसके आधार पर उपसचिव ने रिपोर्ट एसीएस को सौंप दी है।

इनका कहना है
टायपिंग घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई प्रचलन में है। जो रिपोर्ट मांगी थी, वह भेज दी गई है।
माधवी नागेन्द्र, उपसचिव, सामान्य प्रशासन विभाग

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