मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते राज्य के कई निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित रहेंगी। दरअसल इस हड़ताल का असर सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी अस्पतालों में भी साफ नजर आ रहा है, जहां ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हालांकि, गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी ताकि उन्हें समय पर इलाज मिल सके।
इस हड़ताल का प्रमुख कारण पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या की वीभत्स घटना है। इस घटना ने बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के चिकित्सा समुदाय को गहराई से झकझोर दिया है। डॉक्टरों के खिलाफ हुए इस अत्याचार के विरोध में मध्य प्रदेश में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की है। इसके समर्थन में राज्य के निजी अस्पतालों ने भी अपनी ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया है।
वहीं हड़ताल के कारण राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल और एम्स भोपाल में शुक्रवार को ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। हमीदिया अस्पताल में ओपीडी में लगभग 38% मरीजों की कमी दर्ज की गई, जबकि एम्स भोपाल में भी लगभग 500 मरीज कम पहुंचे। इससे यह स्पष्ट होता है कि हड़ताल का असर व्यापक और गंभीर है।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया, एमपी चैप्टर (AHPI-MP) के अध्यक्ष डॉ. अनूप हजेला ने बताया कि राज्य के निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं भी बंद रहेंगी, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी। निजी अस्पतालों में केवल उन मरीजों का इलाज किया जाएगा जिन्हें तत्काल चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है। इस हड़ताल में करीब 350 निजी अस्पताल शामिल हैं, जो अपनी ओपीडी सेवाओं को बंद रखेंगे।
वहीं इंदौर में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिलेगा। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (MTA), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (NIMA) मध्यप्रदेश, एमपी नर्सिंग होम एसोसिएशन, और एमपी डेंटल एसोसिएशन सहित कई अन्य संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है। इन संगठनों ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को ओपीडी में केस नहीं देखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, प्राइवेट डॉक्टर भी आज सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक अपने क्लिनिक और अस्पताल बंद रखेंगे।