मध्य प्रदेश में रायसेन, नर्मदापुरम, सागर समेत 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है।

मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता बरकरार है। प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान रायसेन, नर्मदापुरम, जबलपुर, भोपाल समेत कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक अब तक प्रदेश में लगभग 400 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत से चार प्रतिशत अधिक है। अगले चार दिन में पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का पूर्वानुमान बताया गया है।

मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रायसेन में 84.4, नर्मदापुरम में 61.8, पचमढ़ी में 54.8, सीधी में 46, जबलपुर में 44.8, भोपाल में 40.8 और टीकमगढ़ में 27 मिमी बारिश दर्ज की गई। बाकी जिलों में भी मध्यम से हल्की बारिश हुई।

यहां भारी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के दस जिलों रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, श्योपुरकलां, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पन्ना, सागर और पांढुर्णा में अति भारी बारिश की संभावना व्यक्त करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

इन जिलों के लिए येलो अलर्ट
इसके अलावा भोपाल, विदिशा, राजगढ़, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, रतलाम, देवास, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, सीधी, सतना, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, दमोह, छतरपुर, मैहर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर, दतिया, भिंड, सिंगरौली, रीवा, मऊगंज, अनपपर, डिंडोरी, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
Monsoon In MP: ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब बीकानेर, चूरू, आगरा, प्रयागराज, रांची से होकर समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के ऊपर बना हुआ है।
इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटों तक पश्चिमी तट पर समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। वहीं विरूपक हवाओं का क्षेत्र (शियर जोन) ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ बना हुआ है।
आ रही पर्याप्त नमी
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है।

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