मनु भाकर ने शानदार प्रदर्शन से सब्र के फल में भर दी ओलिंपिक मेडल की दोहरी मिठास

मनु मार्च 2023 में बिशनखेड़ी स्थित मप्र राज्य निशानेबाजी अकादमी में आईएसएसएफ विश्वकप शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आई थीं। तब उन्होंने 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर सब्र के फल का जिक्र किया था, क्योंकि इससे पहले लगातार दो साल तक उन्हें विश्वकप में कोई पदक नहीं मिला था।
सब्र का फल तो मीठा होता ही है, लेकिन जब इसमें मेहनत और लगन मिल जाए तो मिठास कई गुना बढ़ जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ है भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर के साथ।
पेरिस ओलिंपिक में दो पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर ने एक वर्ष पहले भोपाल में ही कहा था कि सब्र का फल मीठा होता है और लगातार मेहनत करने से सफलता मिलकर रहती है। आज उनकी कही वो बात सच साबित हुई। मनु मार्च 2023 में बिशनखेड़ी स्थित मप्र राज्य निशानेबाजी अकादमी में आईएसएसएफ विश्वकप शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आई थीं। तब उन्होंने 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर सब्र के फल का जिक्र किया था, क्योंकि इससे पहले लगातार दो साल तक उन्हें विश्वकप में कोई पदक नहीं मिला था।
रच दिया इतिहास
मनु ने भोपाल में कांस्य पदक जीतकर दोबारा लय पकड़ी थी। इससे पहले भी जब उन्हें कोई पदक नहीं मिल रहा था, तब धैर्य नहीं खोया था। उन्हें अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा था। इससे पहले टोक्यो ओलिंपिक में उन्होंने तीन स्पर्धाओं में भाग लिया था, तब 10 मीटर एयर पिस्टल में 12वां स्थान, 25 मीटर पिस्टल में 15वां और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड में सातवां स्थान प्राप्त हुआ था। इस बार पेरिस ओलिंपिक में तो दो पदक जीतकर उन्होंने इतिहास ही रच दिया। वह एक ओलिंपिंक में दो पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
भोपाल में तैयारी करना भाता है
विश्वकप के दौरान जब उनसे सवाल किया गया था कि एशियन गेम्स और ओलिंपिक जैसे बड़े आयोजन के लिए आप कहां पर अभ्यास करना पसंद करेंगी, तब उन्होंने कहा था कि कार्यक्रम तय करना तो एनआरआई का काम है लेकिन व्यक्तिगत रूप से भोपाल बेहतर है। मैं यहीं पर रहकर तैयारी करना चाहूंगी। यहां पर अपने प्रशंसकों और परिवार के बीच खेलना अच्छा लगता है। अपने के बीच अच्छा खेलने का दबाव रहता है। मनु ने कहा था कि बिशनखेड़ी की रेंज और भोपाल का मौसम बहुत अच्छा लगता है। हरियाणा की निशानेबाज के लिए भोपाल उनका दूसरा घर जैसा ही है।

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