राजनीति की नब्ज पहचानने वाले ‘एनालिस्ट‘ की इंदौर के कॉलेजों में हो रही तयारी |

इंदौर । लोकसभा, विधानसभा या अन्य किसी तरह के चुनावों की सरगर्मी बढ़ती है तो राजनीति की नब्ज पहचाने वाले की डिमांड बढ़ जाती है। इंदौर के कालेजों में राजनीति विज्ञान पढ़ने वाले छात्र ट्रेंड एनालिस्ट, एग्जिट पोल, सोशल मीडिया क्षेत्र में राजनेताओं की ट्रेंड को बढ़ाने में अहम रोल निभा रहे है।
यही वजह है कि पिछले 15 से 20 वर्षो में राजनीति विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रशासकीय सेवाओं में जाने के इच्छुक छात्रों के लिए भी राजनीति विज्ञान पंसदीदा विषय बना हुआ है। एमपी पीएससी व यूपीएससी की परीक्षा देने वाले छात्र प्रतियोगी परीक्षाअें में सामान्य ज्ञान,निबंध की तैयारी के लिए इस विषय का चुनाव करते है।
इंदौर के शासकीय व निजी कालेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स में राजनीति विज्ञान विषय पढ़ाया जाता है। पिछले वर्षो में इन काेर्स में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ी है। वर्तमान में शहर में जितने भी नए कालेज शुरु हुए है उनमें भी इस कोर्स को प्राथमिकता पर रखा गया है। एमए फाइनल ईयर के कोर्स में छात्रों को राजनीति शोध पद्धति विषय पढ़ाया जाता है।
इसके साथ ही कई छात्र वर्तमान दौर में सोशल मीडिया का राजनीति में योगदान, वर्तमान संदर्भ में पंचायती राज जैसे कई विषयों पर शोध व अध्ययन कर रहे है। करीब एक दर्जन छात्र जुनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत राजनीति विज्ञान में शोध कार्य कर रहे है। ऐसे में छात्र शोध पद्धति की तकनीक को सीख राजनीति दल व नेताओं को सहयोग करते है। इस तरह के अनुभवी छात्रों को राजनीति दल अपने आइटी सेल व ट्रेंड एनालिस्ट टीम में शामिल करते है।

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