वाल्मीकि जयंती :अधिकार पाने के लिए शिक्षित होना जरूरी – डॉ. मोहन भागवत

वाल्मीकि जयंती : संघ प्रमुख ने कानपुर में वाल्मीकि समाज का किया आह्वान

कानपुर (उत्तर प्रदेश), 09 अक्टूबर )। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचालक डॉ मोहन भागवत ने रविवार को वाल्मीकि समाज से शिक्षित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज को आगे बढ़ने के लिए संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेड़कर ने राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता संविधान में दी है। सामाजिक स्वतंत्रता के लिए द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी ने कार्य शुरू किया। वह आज भी अनवरत जारी है। वाल्मीकि समाज शिक्षा के जरिये जब योग्य बनेगा तभी उनको अधिकार मिल सकेंगे। समाज तरक्की कर सकेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वाल्मीकि समाज के बीच लगातार पहुंच रहा है।

सरसंघचालक डॉ. भागवत ने वाल्मीकि जयंती पर फूलबाग के नानाराव पार्क में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मैं यहां पहली बार आया हूं। वैसे वाल्मीकि समाज के बीच में मैं आता रहता हूं। वाल्मीकि समाज विद्वान धर्मचरित्र को धारण करने वाले वाल्मीकि भगवान की पूजा करता है।

वह भगवान जिन्होंने ऐसे आदर्श चरित्रवाले राजा राम का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। ऐसे भगवान को पूरे विश्व में पूजा जाना चाहिये।

संघ प्रमुख ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में करुणा को धर्म का एक पैर बताया है। मानव को भगवान राम के चरित्र के आदर्श पर आगे बढ़ना चाहिए। महर्षि वाल्मीकि ने मनुष्यों के लिए ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया जिसमें व्यक्ति को कैसे रहना है। समाज का कैसे सहयोग करना है। सरसंघचालक ने कहा कि समाज में व्याप्त छुआछूत और भेदभाव को दूर करने के लिए संगठन के माध्यम से अनवरत कार्य किया जा रहा है। वाल्मीकि समाज का आगे बढ़ना जरूरी है। समाज को नशे से दूर रहना होगा। खराब आदतें छोड़नी होंगी। बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलानी होंगी। योग्य होंगे तो अधिकार अपने आप मिल जाएंगे

वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री वाल्मिकीधाम पहुंचे

सरसंचालक डॉ. भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को वाल्मीकि समाज पर गर्व करना चाहिए। भगवान राम को हिंदू समाज से परिचित कराने वाले भगवान वाल्मीकि ही थे। वह अगर रामायण नहीं लिखते तो आज हिंदू समाज को भगवान राम नहीं मिलते। इतना ही नहीं भगवती सीता को बेटी की तरह वाल्मीकि ने ही रखा था। उनके दोनों पुत्रों का लालन-पालन भी उन्हीं के आश्रम में हुआ था। वाल्मीकि जयंती हमारे लिए राष्ट्रीय उत्सव है। संघ अपनी पूरी ताकत के साथ वाल्मीकि समाज के साथ खड़ा है। हमारे लोग आपके पास स्वयं आएंगे। आपको आने की जरूरत नहीं। उन्हें पता है कि पूरा हिंदू समाज हमारा है। ये समाज अपना है। भारतवर्ष अपना है, जो सदैव रहेगा।

report

Progress of India news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *