उज्जैन। 3 मई से प्रारंभ होने वाली पंचकोसी यात्रा में शामिल यात्रियों को त्रिवेणी घाट पर शिप्रा नदी के जल में स्नान कराने के लिए प्रशासन ने पाइपलाइन के जरिये नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ना शुरू कर दिया है। इससे एक दिन पहले तक सूखी पड़ी शिप्रा में अब कुछ पानी दिखाई देने लगा है।
इधर, त्रिवेणी घाट पर टूटा मिट्टी का बांध अतिरिक्त मिट्टी पटककर फिर जोड़ दिया गया है। इससे कान्ह का प्रदूषित पानी शिप्रा मेंं मिलना बंद हो गया है। मालूम हो कि नर्मदा का पानी पाइपलाइन के माध्यम से शिप्रा में छोड़ने को मध्यप्रदेश की सरकार ने 432 करोड़ रुपये की नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना को धरातल पर उतारा था।
ये योजना प्राकृतिक प्रवाह से नर्मदा का पानी उज्जैन में प्रवाहित शिप्रा नदी में पानी छोड़ने को बनी थी। इसके बाद साल 2019 में 139 करोड़ रुपये खर्च कर 66.17 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ने को योजना का क्रियान्वयन कराया था। योजना के भूमि पूजन और लोकार्पण के वक्त जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि उज्जैन में जब-जब जल संकट होगा, नर्मदा सहारा बनेगी।