सतना: नागौद , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक और फर्जीवाड़ा ।कई लाख रुपए का चूना लगा चुके है रेडियोग्राफर बाबूलाल कोरी ।

नागौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेडियोग्राफर है बाबूलाल कोरी ,दस्तावेजों में किया फर्जीवाड़ा। फर्जी दस्तावेज लगाकर हो गए कार्यायत।

ग्राउंड रिपोर्ट । जानकारी के अनुसार , सामुदायिक स्वस्थय केंद्र , नागौद में रेडियोग्राफर बाबूलाल कोरी , ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफ़िकेट लगा नौकरी प्राप्त की है।

जिले के नागौद समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बाबू लाल कोरी रेडियोग्राफर ने फर्जी दस्तावेज लगाकर अभी तक पिछले 15 सालों से शासन को लगा रहे है चूना।

बाबूलाल कोरी और पूनम कुटार की पोस्टिंग देवराज नगर अमरपाटन में है आला अधिकारियों के मिलीभगत से नागौद में पोस्टिंग करा रखी है ,कई सालों से चली आ रही है अभी हाल में विधानसभा ध्यानाकर्षण में यह मामला उठाया गया कल्पना वर्मा विधायक द्वारा. आनन-फानन में रिलीव किया गया और मेडिकल लेकर पोस्टिंग की जुगाड़ में लग गया ।

 

बिना ट्रेनिंग के कर रहे ही  रेगुलर नौकरी……

ग्राउंड रिपोर्ट जानकारी के अनुसार नागौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रेडियोग्राफर बाबूलाल कोरी ने हरजी कॉलेज से फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी प्राप्त की है जबकि उसी दौरान बाबू लाल कोरी जिला अस्पताल सतना में वार्ड बॉय के रूप में नौकरी कर रहे थे ।

वार्ड बॉय की नौकरी करते हुए ग्वालियर के एक प्राइवेट कालेज से प्राप्त किया रेडियोग्राफर का डिप्लोमा

यह समझ से परे है की बाबूलाल कोरी ने अस्पताल में वार्ड बॉय की नौकरी करते हुए ग्वालियर के एक प्राइवेट कालेज से रेडियोग्राफर का डिप्लोमा किस प्रकार प्राप्त किया ?

सवाल है की बिना शैक्षिक योग्यता के , बाबूलाल कोरी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र नागौद में रेडियोग्राफर के पद पर कैसे पदस्थ है?

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कॉलेज की मान्यता मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल में नहीं है और ना ही रेडियोग्राफर बाबू लाल कोरी का मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन है ।

बिना जांच पड़ताल के रख लिया रेडियोग्राफर के पद पर।

इस सब के बावजूद तत्कालीन , वहां पदस्थ चयन समिति के सदस्यों ने घपला घोटाला करते हुए बिना जांच किए की यह उनके कागजात सही हैं की है अथवा नहीं की है ।सर्टिफिकेट और शैक्षणिक दस्तावेजों की वेरिफिकेशन कराए बगैर एवं पैरामेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के बगैर ही किस प्रकार नौकरी पर रखा गया? जांच का विषय है , आज तक वह रेडियोग्राफर के पद पर कार्य करते हुए शासन को कई लाख रुपए का चूना लगा चुके है विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि बाबू लाल कोरी 15 सालों के लगभग नौकरी करने के बावजूद अभी भी रेडियोग्राफर काम में नहीं है ना ही किसी प्रकार का काम जानते हैं क्योंकि उन्होंने प्रशिक्षण लिया ही नहीं है।

प्रोग्रेस ऑफ इंडिया न्यूज

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