सुनील छेत्री ने फुटबॉल से लिया संन्यास, कुवैत के खिलाफ ड्रॉ रहा करियर का आखिरी मैच

सुनील छेत्री ने फुटबॉल से रिटायरमेंट ले लिया है। 39 वर्षीय छेत्री ने गुरुवार को कुवैत के खिलाफ अपने करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला, जो ड्रॉ रहा।सुनील छेत्री ने फुटबॉल से रिटायरमेंट ले लिया है। 39 वर्षीय छेत्री ने गुरुवार को कुवैत के खिलाफ अपने करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला, जो ड्रॉ रहा। वह कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम से हाथ जोड़कर नम आंखों के साथ बाहर निकले। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया।
इस ड्रॉ मैच में फीफा क्वालिफायर में भारत के तीसरे दौरे में पहुंचने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। टीम इंडिया का अगला मैच कतर के खिलाफ होगा। सुनील छेत्री अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में भारत के टॉप गोल स्कोरर हैं। वे करियर में 94 गोल कर चुके हैं। वे सबसे ज्यादा गोल करने वाले दुनिया के फुटबॉलर की सूची में तीसरे पायदान पर हैं।

भारतीय कप्तान सुनील छेत्री अपने आखिरी मैच में गोल नहीं कर सके। स्टेडियम में छेत्री-छेत्री के नारें गूंज उठे। मैच के बाद सुनील की विदाई के वक्त भारत और कुवैत के खिलाड़ियों ने खड़े होकर तालियां भी बजाईं।भारतीय फुटबॉलर सुनील छेत्री के नाम 150 मैचों में 94 गोल दर्ज हैं। वो क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद सबसे ज्यादा इंटरनेशनल गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। छेत्री ने 2002 में मोहन बागान के साथ फुटबॉल करियर की शुरुआत की थी।
सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त, 1984 को सिकंदराबाद में हुआ। उनके पिता केबी छेत्री आर्मी में थे, जबकि माता सुशीला नेपाल की नेशनल फुटबॉल टीम की खिलाड़ी रह चुकी हैं। सुनील को 2021 को खेल रत्न पुरस्कार मिला। 2019 में पद्म श्री और 2011 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने करियर में छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता। सुनील छेत्री ने 2005 में सीनियर फुटबॉल टीम में डेब्यू किया। बाईचुंग भूटिया के बाद वह टीम के कप्तान बने।

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