दीनदयाल रसोई योजना में नगरीय निकायों द्वारा अब तक करीब 4 करोड़ 60 लाख भोजन थाली का वितरण मात्र 5 रूपये प्रति थाली की दर पर जरूरतमंदों को किया गया है। यह योजना 51 जिला मुख्यालयों के 191 रसोई केन्द्रों के माध्यम से संचालित है। इनमें 166 स्थाई और 25 चलित रसोई केन्द्र कार्यरत हैं। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय और श्रम कार्यों के सिलसिले में ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरतमंद परिवारों का निरंतर आगमन होता है। नगरीय निकायों द्वारा इनके ठहरने और किफायती दर पर भोजन व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे हैं।
नगरीय निकायों द्वारा संचालन
वर्तमान में 166 स्थाई रसोई केन्द्र में से 16 नगर निगमों में 58 रसोई केन्द्र और 99 नगर पालिका परिषद में 99 रसोई केन्द्र और 9 नगर परिषदों में 9 रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही 25 चलित रसोई केन्द्र में से 16 नगर निगमों में 23 और 2 नगर पालिका परिषद में 2 चलित रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। नगरीय निकायों द्वारा चलित रसोई केन्द्र की व्यवस्था इस उद्देश्य से की गई है कि जिन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में श्रमिक कार्य कर रहे हैं उन्हें कार्य स्थल पर ही किफायती दर पर भोजन उपलब्ध कराया जाये। प्रदेश में चलित रसोई केन्द्र के वाहनों और उपकरणों की एकरूपता के लिये नगरीय प्रशासन संचालनालय ने सुसज्जित वाहन उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। इसी के साथ दीनदयाल रसोई योजना के लिये नगरीय निकायों को अनुदान राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के विस्तार के लिये 68 नवीन रसोई घरों के संचालन का प्रस्ताव स्वीकृति के लिये राज्य शासन को भेजा गया है।
धार्मिक नगरों में रसोई केन्द्र
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 6 धार्मिक नगरों मैहर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा और अमरकंटक में भी बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये दीनदयाल रसोई योजना का विस्तार किया है। नगरीय निकायों द्वारा जरूरतमंदों को दी जाने वाली थाली में परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है।