MP News: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से बड़ा घोटाले का मामला सामने आया है. जिले की 3 तहसीलों में अधिकारियों ने किसानों को दी जाने वाली राहत राशि अपने परिचितों के खातों में डाली है.
कलेक्टर ने जांच के बाद दोषियों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सीहोर: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के रेहटी आष्टा एवं इछावर तहसील में किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति एवं अन्य योजनाओं की राहत राशि में घोटाले का मामला सामने आया है. बता दें कि जिले में 2017-18 व 2021-22 में किसानों की क्षतिपूर्ति की राशि का करीब दो करोड़ का घोटाला प्रांरभिक जांच में सामने आया है. किसानों की राहत राशि को अधिकारियों की मिलीभगत से अलग से फर्जी नाम जोड़कर करीब 2 करोड़ की राशि को दूसरों के खातों में डाल दी गई है.
नाम में गड़बड़ी की वजह से हुआ खुलासा
बता दें कि ग्वालियर के महालेखाकार के ऑडिट में किसानों के मिस नाम मेच होने पर सर्वर में गड़बड़ी सामने आई. जब महालेखाकार द्वारा किसानों की क्षति पूर्ति के लिए आई राशि का ऑडिट किया गया तो जिन किसानों के खातों में राशि डालनी थी उनकी जगह दूसरे लोगों के नाम निकलकर सामने आए. ऑडिट में सीहोर, विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सतना, दमोह, छतरपुर, खंडवा, सिवनी, मंदसौर, अगर और श्योपुर शामिल है. इन जिलों में करीब 15 करोड़ की राशि की हेराफेरी की संभावना है. वहीं सिर्फ सीहोर जिले में करीब दो करोड़ रुपये के घोटले का मामला सामने आया है.
जांच में जुटी है टीम
इस संबंध में सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बताया कि, सीहोर की रहटी आष्टा और इछावर में गड़बड़ी का मामला सामने आया था जिसमें जांच टीम गठित कर दी गई है. इछावर तहसील की जांच पूरी हो चुकी है. जांच में पाया कि इछावर में दुर्घटनाओं में मृत्यु हो जाने पर मिलने वाली राहत राशि लगभग 60 लाख रुपए की राशि तहसील में बैठे बाबू एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर ने जालसाजी कर अपने परिजनों के खाते में ट्रांसफर कर ली. शीघ्र ही इछावर के इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने बताया कि इन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की जाएगी. जबकि आष्टा एवं रेहटी तहसील में हुए घोटाले की जांच अभी जारी है.
progress of india news