भोपाल | एमपी में तीन साल से रुकी हुई नर्सिंग की परीक्षाएं 15 मई से शुरू होने जा रही हैं। लेकिन 21-22 और 22-23 सत्र के 50 हजार से ज्यादा नर्सिंग छात्र-छात्राओं को अभी भी परीक्षा का इंतजार करना पड़ेगा। एनएसयूआई ने उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया है।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का नर्सिंग घोटाला सूर्खियों में रहा है। नर्सिंग घोटाले में पिछले एक साल से सीबीआई जांच भी चल रही थी, वहीं उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच में सूटेबल यानी पात्र, डिफिशिएंसी यानी अपात्र और तय मापदंड पर खरे नहीं उतरने वाले नर्सिंग कॉलेजों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया था। प्रदेश के उन सभी नर्सिंग कॉलेजों को सभी छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं के आदेश दिए गए हैं। नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले एनएसयूआई नेता रवि परमार ने इसको छात्र छात्राओं की एवं खुद की जीत बताते हुए उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया और नर्सिंग के सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं।
रवि परमार ने बताया कि सभी छात्राओं ने परीक्षा को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी है। पुलिस द्वारा परीक्षा की मांग करने वालों छात्र नेताओं और छात्रों पर कई मुकदमे भी दर्ज किए। जेल भी भेजा, लेकिन लड़ाई अंतिम तक जारी रही। रवि परमार ने कहा कि 2021-22, 2022-23 सत्र के नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षाओं पर भी तत्काल निर्णय लेकर परीक्षा आयोजित करवाना चाहिए, क्योंकि 50 हजार से ज़्यादा नर्सिंग छात्र छात्राएं भी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।







