Dewas News : जब पुलिस अधिकारियों ने कंजर गिरोह के ठिकानों पर छापा मारा तो उनकी लग्जरी लाइफ देखकर अधिकारी भी चौंक गए. इस दौरान पुलिस ने चोरी का एक करोड़ रुपए का माल जब्त किया है.
छापे के दौरान कुछ ऐसे बदमाश भी पकड़े गए हैं, जो लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे थे.
एक साथ 12 ठिकानों पर छापे
देवास के एसपी संपत उपाध्याय को सूचना मिली थी कि कंजर डेरों पर बड़ी मात्रा में वाहन और अन्य कीमती सामान छिपा कर रखे गए हैं. इसके बाद एसपी ने ऑपरेशन “प्रहार” के तहत देवास जिले के 12 ठिकानों पर एक साथ छापे के निर्देश जारी किए. इस कार्रवाई में देवास के दो एडिशनल एसपी, 8 सीएसपी, 20 इंस्पेक्टर और 400 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल हुए.
लग्जरी सामान का कर रहे थे उपयोग
जब पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर सोनकच्छ, पीपलरवां, टोंक खुर्द, हाटपिपलिया के अंतर्गत आने वाले कंजर डेरों पर छापामार कार्रवाई की गई तो पुलिस अधिकारी भी चौंक गए. कंजर गिरोह के सदस्य लग्जरी सामान का उपयोग कर रहे थे. उनके ठिकानों से कई कीमती सामान बरामद हुए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 22 मोटरसाइकिल, 5 कार, 1 ट्रैक्टर, सोने चांदी के आभूषण, नगदी सहित अन्य सामान जब्त किए गए हैं. यह पूरा सामान चोरी की आशंका में जब्त किया गया है. जप्त किए गए सामान की कीमत एक करोड़ के लगभग आंकी जा रही है.
2 बदमाशों को हिरासत में लिया
पुलिस विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छापामारी के दौरान अनूप कंजर और रमेश कंजर को हिरासत में लिया गया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ स्थाई वारंट था. वे लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे थे. आरोपी अनूप कुमारिया बनवीर का रहने वाला है जबकि रमेश धानी घाटी का निवासी है.
ट्रक कटिंग में माहिर है कंजर गिरोह
कंजर गिरोह का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की कई गंभीर वारदातों में सामने आ चुका है. कंजर गिरोह मुख्य रूप से ट्रक कटिंग अर्थात चलते हुए ट्रक से माल उतारने की वारदात में सबसे ज्यादा माहिर है. रात्रि के समय तेज गति से दौड़ रहे ट्रकों से कंजर गिरोह के सदस्य आसानी से माल उतार लेते हैं. इसके अलावा वाहन चोरी, नकबजनी की वारदातों में भी गिरोह के सदस्य सक्रिय रहते हैं.
लगाए गए थे 400 पुलिसकर्मी
एसपी संपत उपाध्याय ने कंजर गिरोह के ठिकानों पर छापा मारने के लिए तैयारी के साथ पूरी टीम को भेजा. उन्होंने बताया कि कंजर गिरोह के ठिकानों पर छापे के दौरान काफी सफलता मिली है. बताया जाता है कि पुलिस के पास आधुनिक हथियारों के साथ-साथ बॉडी कैमरे भी थे. आमतौर पर पुलिस की छोटी टीम कंजर गिरोह पर कार्रवाई भी करने में खतरा महसूस करती है. यही वजह है कि 400 पुलिसकर्मियों की टीम को भेजा गया था. इस टीम में महिला पुलिसकर्मी और अधिकारी भी शामिल थे.
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