विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज सदन में पोषण आहार मामले में जमकर हंगामा हुआ. लिहाजा गुरुवार सुबह तक के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई है. सदन में पोषण आहार पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने 15 स्थगन प्रस्ताव लगाए थे. कार्यवाही शुरू होते ही सीएम शिवराज ने कहा वे वक्तव्य देना चाहते हैं, जिस पर कांग्रेस ने हंगामा कर दिया. वहीं गुरुवार को सदन में 4 विधेयक और 9 अध्यादेश पारित होंगे.
भोपाल। पोषण आहार घोटाले को लेकर सत्तापक्ष को घेरने कांग्रेस द्वारा लगाए गए 15 स्थगन प्रस्तावों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष की जोरदार नारेबाजी के बीच अपना वक्तव्य पेश किया. कांग्रेस द्वारा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने की तमाम मांगों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार नहीं किया गया, हालांकि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद अपनी बात रख सकेंगे, लेकिन सत्तापक्ष के विधायकों की आपत्ति के चलते कांग्रेस अपनी बात सदन में नहीं रख सके. अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पोषण आहार मामले की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पोषण आहार पर चर्चा के लिए विपक्ष ने लगाए 15 स्थगन प्रस्ताव: विधानसभा में पोषण आहार पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने 15 स्थगन प्रस्ताव लगाए. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे पोषण आहार मामले में अपना वक्तव्य देना चाहते हैं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसके लिए प्रश्नकाल के बाद का समय दिया. इसको लेकर कांग्रेस विधायक उखड़ पड़े. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने 15 स्थगन प्रस्ताव दिए हो उसी पर सदन के नेता पहले अपना वक्तव्य दें. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर चर्चा कराने की मांग की और कहा कि जब कांग्रेस विधायक अपनी बात सदन में रख दें. उसके बाद इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री को अपनी सफाई पेश करनी चाहिए. हालांकि सदन इसके लिए तैयार नहीं हुआ. इसको लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर तीखी नोकझोंक हुई. कांग्रेस इस मुद्दे पर स्थगन पर चर्चा कराने की मांग पर आधे घंटे तक अड़ी रही. कमलनाथ ने भी विधानसभा अध्यक्ष इस मामले पर स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की.
मुख्यमंत्री ने कहा दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई:कांग्रेस के कड़े विरोध के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पोषण आहार मामले पर अपना वक्तव्य दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कैग की रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जाता. कैग अपनी रिपोर्ट विभाग को भेजती है. इसके बाद विभाग जांच करती है और इसे कैग को फिर भेजा जाता है. सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है और इसको लेकर जांच कराई जा रही है. टेक होम राशन के मामले में परिवहन और अमानक खाद्य कांग्रेस के समय का है, निसमें 26 करोड़ रोका गया है. इन सभी मामले की जांच की जा रही है. सरकार पोषण आहार संयत्र स्थापित किए गए है. इसे सरकार ने स्वा सहायता समूह को सौंप दिए हैं, कांग्रेस ने इसे ठेकेदारों को सौंप दिया था. सरकार मामले पर चर्चा को तैयार थी, लेकिन विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर चर्चा से भागती रही. यही वजह है कि उन्होंने चर्चा में हिस्सा ही नहीं लिया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के समय के ये मामले हैं, इसलिए कांग्रेस इस पर चर्चा नहीं कराना चाहती थी. चर्चा होती तो कांग्रेस के पाप सामने आ जाते. कांग्रेस के पास कोई तथ्य नहीं हैं । सदन गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई है. वहीं आज सदन में सप्लीमेंट्री बजट पेश होना था, जो नहीं हो पाया.
गुरुवार को इन मुद्दों पर होगी चर्चा
- सदन में गुरुवार को पारित हो सकता है साल 2022-23 का पहला अनुपूरक बजट
- 4 विधेयक भी होंगे पेश
- पीएम मोदी के एमपी के दौरे के चलते 17 की बजाय 15 को खत्म हो सकता है मॉनसून सत्र
- सत्र में बैठकों के समय में बढ़ोतरी का फायदा उठाएगी सरकार.
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प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज