भोपाल। लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व अखिल भारतीय लुघु उद्योग भारती अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव समीर मूंदड़ा, प्रदेश अध्यक्ष महेश गुप्ता, प्रदेश महामंत्री अरुण सोनी, प्रदेश कोषाध्यक्ष अरविंद मनोहर काले सहित मध्य भारत सचिव सोबरन सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक विषयों को लेकर मुलाकात की।
संगठन ने मुख्यमंत्री को 29-30 जुलाई को प्रदेश स्तरीय एमएसएमई- स्टार्टअप कॉन्क्लेव जो कि भोपाल में लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित किया जा रहा है उसके उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया। उसके पश्चात संगठन द्वारा प्रदेश में व्याप्त विभिन्न औद्योगिक विषयों को मुख्यमंत्री के सामने रखा। बताया कि आज भारत की अर्थव्यवस्था एवं मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में यदि सबसे बड़ा योगदान किसी का है तो वह सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों का है । मध्यप्रदेश में नवीन उद्योग लगाने के लिए एवं पुराने उद्योगों को चलाने के लिए जो कठिनाइयां आ रही है उसे दूर करना आवश्यक है । जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लघु उद्योग भारती को यह आश्वस्त किया गया कि मेरे द्वारा की गई सभी घोषणाएं चुनाव के पूर्व हर हाल में पूरी होंगी एवं प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों की हर समस्याओं का निराकरण मध्यप्रदेश की सरकार अवश्य एवं अनिवार्य रूप से करेगी ।
लघु उद्योग भारती की मांग पर प्रदेश में उपलब्ध होंगे जल्द ही छोटे प्लॉट
डीआईसी एवं एमपीआईडीसी के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र में 5000 वर्ग फुट या उससे कम के छोटे प्लाट के लिए 25 फीसदी भूमि का आरक्षण , प्रदेश के प्रत्येक जिले में ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए मल्टी स्टोरी क्लस्टर जो की प्लग एंड प्ले की सुविधा से युक्त हो, अनुदान राशि मंजूरी हेतु प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की स्वीकृति एवं अनुदान राशि के लिए डीबीटी व्यवस्था की जाए। एमपीआईडीसी में पहले आओ पहले पाओ की व्यवस्था को समाप्त कर टेंडरिंग प्रक्रिया चालू कर दी गई है जिसे एमएसएमई विभाग की तरह ऑनलाइन पहले आओ पहले पाओ की व्यवस्था की जाए।
40 फीसदी सब्सिडी दी जाए।
राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में दोहरे कर के रूप में संधारण शुल्क एवं नगर निगम टैक्स वसूल कर रही है दोहरा टैक्स समाप्त किया जाए। औद्योगिक क्षेत्रों की लीज भूमि को फ्री होल्ड करने का प्रावधान हो, एक करोड़ से अधिक ऑइल उद्योगों को एमएसएमई पॉलिसी के अंतर्गत छूट दी जाए। भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के अनुसार प्रोपराइटरशिप फर्म अथवा भागीदार फर्म के निकट संबंधियों को एलएलपी / प्रा. लि. अंतरण शुल्क के परिवर्तन पर 10 हजार लेकर हस्तांतरण किया जाए। मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम यथा संशोधित 2022 का कड़ाई से पालन कराया जाए। उद्योग इकाइयों में आकस्मिक दुर्घटना के कारण श्रमिक का एक्सीडेंट होने पर धारा 304ए लगाकर प्रारंभिक जांच के प्रावधान किए जाए। मंडी बोर्ड से निराश्रित शुल्क समाप्त किए जाए। मप्र में अन्य राज्यों की तुलना में स्टांप ड्यूटी बहुत अधिक है अत: स्टांप ड्यूटी कम की जाए। सौर ऊर्जा में शासन 40 फीसदी सब्सिडी दी जाए। वर्तमान क्लस्टर नीति में 5 एकड़ से कम 2 एकड़ में क्लस्टर प्रारंभ किया जाए।