बिलासपुर। सारंगढ़ उपजेल में बंदियों की पिटाई और आनलाइन उगाही के मामले में बुधवार को डीजी जेल ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया है। जवाब का अध्ययन करने के बाद हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने कहा कि यह साफ हो गया है कि बंदियों की स्थिति ठीक नहीं है। पूरे मामले की जांच और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। कार्रवाई के बाद पूरे मामले से डीजी जेल को अवगत कराने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद का समय तय कर दिया है। जनहित याचिका की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हुई।
कोर्ट ने कहा कि महानिदेशक जेल द्वारा दायर हलफनामे और रिपोर्ट से ये साफ है कि उप-जेल में कैदियों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई और कुछ गतिविधियां ऐसी चल रही थीं जिससे जेल के कैदियों पर दबाव डाला गया और अवैध मांगें की गईं, जैसा कि जांच रिपोर्टों से पता चलता है। डीजी जेल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मारपीट करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य अधिकारियों जिनसे पैसों का लेन-देन हुआ था, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं। डीजी जेल ने बताया कि घटना के बाद जेल अफसरों ने उप जेल का दौरा किया है और बंदियों का बयान भी लिया है।
जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल, बिलासपुर ने 27 फरवरी 2024 को उप जेल, सारंगढ़ के स्थल निरीक्षण के लिए रवाना हुए। उप जेल सारंगढ़ में जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल बिलासपुर ने सहायक जेल अधीक्षक संदीप कश्यप, जेल के अन्य स्टाफ सदस्यों और उप जेल, सारंगढ़ के 16 बंदियों का बयान दर्ज किया है। बयान दर्ज करने और उप जेल सारंगढ़ का निरीक्षण करने के बाद जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल, बिलासपुर ने अपना प्रतिवेदन 29 फरवरी 2024 को प्रस्तुत किया। जेल अधीक्षक ने पेश की है रिपोर्ट 29 फरवरी 2024 को जेल अधीक्षक सेंट्रल जिला बिलासपुर के अनुसार मेन गेट कीपर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि बैरक क्रमांक चार में कोई प्रतिबंधित वस्तु है जो मोबाइल भी हो सकती है।
सूचना के आधार पर बैरक क्रमांक चार का निरीक्षण किया गया तथा विचाराधीन कैदी रोहित पटेल के पास से मोबाइल बरामद किया गया। ईश्वर पटेल और सागर दास पुत्र मनबोध दास से पूछताछ करने पर रोहित पटेल और सागर दास ने बताया कि उक्त मोबाइल उन्हें टिकेश्वर साहू प्रहरी ने उपलब्ध कराया था। 25 फरवरी 2024 को सुबह-सुबह हवालात खोलकर जेल स्टाफ द्वारा पूछताछ की गई, जिसके लिए कैदियों को बुलाया गया। पूछताछ के दौरान कुछ कैदी आक्रामक हो गए और जेल स्टाफ को धमकी देने लगे।
कैदियों ने जेल स्टाफ के खिलाफ भी शारीरिक आक्रामकता शुरू कर दी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्टाफ ने बल प्रयोग किया। इसके बाद दोपहर में एक विचाराधीन कैदी दिनेश चौहान ने दर्द की शिकायत की, जिसे जेल डाक्टर ने देखा और आगे के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य रेफर कर दिया। जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल बिलासपुर ने बताया कि जेल के कर्मचारियों और कैदियों के नियंत्रण में ढिलाई थी। जेल के भीतर कैदियों को नशीला पदार्थ उपलब्ध था, जेल स्टाफ में प्रतिद्वंद्वी समूह थे। रिपोर्ट मिलने पर सहायक जेल अधीक्षक सहित कुछ जेल कर्मचारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
जिला मजिस्ट्रेट सारंगढ़ को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि सहायक जेल अधीक्षक के साथ-साथ सारंगढ़ उप जेल के जेल कर्मचारियों ने भी पैसे वसूलने के लिए कैदियों के साथ मारपीट की थी। जिस पर जिला मजिस्ट्रेट, सारंगढ़ ने जांच शुरू की। जिसके आधार पर अपराध दर्ज किया गया। पुलिस थाना सारंगढ़ द्वारा पहले ही संदीप कश्यप, राजकुमार कुर्रे, मनेंद्र वर्मा एवं महेश्वर हिमाची के विरुद्ध आइपीसी की धारा 294, 323, 327, 34, 384 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।
उपरोक्त व्यक्तियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सारंगढ़, जिला द्वारा जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और जेल भेज दिया गया है। उप जेल सारंगढ़ के उपरोक्त निलंबित अधिकारियों व जेल स्टाफ के विरूद्ध विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है। राज्य की प्रत्येक जेल के सभी जेल अधिकारियों को जेल मैनुअल के तहत निहित नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो
