बंबई बाजार क्षेत्र में नफीस बेकरी के पीछे वाघमारे के बगीचे में करीब 40 बच्चों को थिनर और अन्य नशे की लत लगा उनसे भीख मंगवाने, बाजार में आने वाले लोगों के पर्स व मोबाइल चोरी करवाने वाले गिरोह का शुक्रवार को पर्दाफाश हुआ। स्मार्ट सिटी कंपनी, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, सराफा थाने की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की। इस दौरान दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान भिक्षावृत्ति के खिलाफ काम करने वाली संस्था प्रवेश के सदस्य भी शामिल थे।
रेस्क्यू आपरेशन के दौरान 20 से ज्यादा बच्चे मिले, जिनमें से सात से 15 साल के चार बच्चों को पकड़ा गया। शेष भाग निकले। बच्चों व आसपास के लोगों से रेस्क्यू टीम को इस बात का पता चला कुछ वर्षों से वाघमारे का बगीचा अपराध का अड्डा बन गया है। बच्चों के रेस्क्यू के साथ पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्य सद्दाम हुसैन निवासी चंदन नगर और दीन मोहम्मद निवासी मल्हारगंज को भी गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
रेस्क्यू किया गया सात साल का बालक थिनर के नशे में बेसुध था और लगातार रो रहा था। वह अपने नाम के अलावा कुछ बता नहीं पा रहा था। 10 साल के इस बच्चे के माता-पिता नहीं हैं। वह काफी छोटा था, तभी से इस गिरोह में था और यहां बने गोदाम के पास ही रात को सोता था। वहीं 15 साल का एक किशोर आठवीं में पढ़ता है। उसके पिता लोडिंग चलाते हैं और मां घर में काम करती है।
20 दिनों से स्कूल जाने के बजाय इस गिरोह में आ गया था। एक अन्य बालक गोम्मटगिरि क्षेत्र का रहने वाला था। एक बच्चा पूर्व में भी रेस्क्यू किया गया था और दोबारा भीख व चोरी के काम में इस गिरोह के संपर्क में आया। संस्था प्रवेश की अध्यक्ष रुपाली जैन ने बताया कि 15 परिवारों को समझाइश दी कि बच्चों को स्कूल भेजें, उन्हें शिक्षा दें और भिक्षावृत्ति व नशे की आदत से दूर रखें। कई बच्चे सूचना मिलने पर भाग गए।
पुलिस को बच्चों से मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह में करीब 40 बच्चे शामिल हैं। गिरोह संचालित करने वाले लोग बच्चों को थिनर व व्हाइटनर का नशा देते थे। उन्हें चोरी करने व भीख मांगने के गुर भी सिखाते थे। मार-पीटकर बच्चों पर इन कामों के लिए दबाव बनाते थे। जवाहर मार्ग स्थित शोरूम व दुकानों पर शादी के लिए खरीदारी करने वालों को बच्चे निशाना बनाते थे।
दो बच्चे लोगों को बात में लगाते और एक उनका पर्स व मोबाइल खींचता था। भीख व चोरी से होने वाली कमाई को सभी वाघमारे के बगीचे में एकत्र करते थे। भीख से बच्चों को हर दिन 300 से 400 रुपये मिल जाते थे। बच्चों के मुताबिक यहां पर 16 से 22 वर्ष की 11 युवतियां भी नशा बेचती हैं। अनैतिक गतिविधियों में भी शामिल हैं। गिरोह के लोग जिन बालिकाओं की नई शादी होती थी, उनके परिवार में विवाद करवाकर व बरगलाकर लाते थे। युवतियां कुछ लोगों पर आरोप लगाकर लूटती थीं।
पुलिस व रेस्क्यू टीम ने जिस बगीचे से गिरोह का पर्दाफाश किया, चार माह पहले भी तीन थानों की पुलिस बल के साथ टीम ने वहां से 19 बच्चों को रेस्क्यू कर इस गिरोह को चलाने वाले पति-पत्नी पैडलर को पकड़ा था। दोनों अभी जेल में हैं। उसके बाद भी यह गिरोह धड़ल्ले से चल रहा था और पुलिस चुपचाप बैठी रही।
