प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग फीकी, 2019 की तुलना में आठ फीसदी कम वोट

भोपाल | शुक्रवार को मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छह सीटों पर 67.08 % मतदान दर्ज किया गया है। 2019 की तुलना में यह मतदान 8 फीसदी कम है। 2019 में इन छहों सीटों पर औसत 75.24 फीसदी मतदान हुआ था। छिंदवाड़ा में इस बार सबसे ज्यादा 79.18 प्रतिशत, लेकिन पिछली बार से 3.21 फीसदी कम मतदान हुआ है। शुक्रवार सुबह 13588 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हुई, जो शाम 6 बजे तक चली। हालांकि, पिछली बार करीब 10 प्रतिशत वोट प्रतिशत बढ़ा था। इस बार वोट प्रतिशत में बहुत बड़ी कमी आई है। गर्मी भी एक कारण है। भाजपा की मोदी की गारंटी और राम मंदिर का मुद्दा भी जोर नहीं पकड़ पाया। इसे भी वोट प्रतिशत घटने का कारण बताया जा रहा है।

भाजपा ने 400 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा। इसके लिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को प्रत्येक बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया था। हालांकि, कम मतदान प्रतिशत ने भाजपा के बूथ मैनजमेंट की पोल खोल दी है। इससे साफ है कि भाजपा का बूथ मैनेजमेंट भी फेल हो गया है।

लोकसभा चुनाव की 6 सीटों पर विधानसभा की 47 सीटें आती है। इनमें छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर 81.37 प्रतिशत मतदान हुआ है। जानकारों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मतदान हुआ है। इसका फायदा छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिल सकता है। आदिवासी वोटर कांग्रेस के साथ जाता है।

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