बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण में राजस्व विभाग के 18 कर्मचारियों का तबादला आदेश जारी किया है। ये ऐसे कर्मचारी हैं जो एक ही जगह लंबे समय से जमे हुए थे। तहसील कार्यालय में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में विलंब और भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने भी इसे गंभीरता से लिया है। कोर्ट से जारी नोटिस के बाद राजस्व विभाग में कलेक्टर ने कर्मचारियों को एक से दूसरी जगह तबादला करने आदेश जारी किया है। स्थानांतरण आदेश की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन कर्मचारियों की सूची जारी की गई है उनको नई जगह पर तीन दिन के भीतर ज्वाइनिंग देनी होगी और साथ ही इसकी सूचना भी।
तहसील कार्यालय में हावी बाबू राज और भ्रष्टाचार ने लोगों को परेशान कर दिया है। नामांतरण, बटांकन व डायवर्सन से संबंधित प्रकरणों का निराकरण भी तय समयवधि में नहीं हो पा रहा है। रिट याचिका में इस बात की शिकायत की गई है। जारी तबादला आदेश को प्रशासनिक कसावट का नाम दिया गया है। कोर्ट से जारी नोटिस और नाराजगी को भी स्थानांतरण आदेश का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। रिट याचिका में जिन बातों और तथ्यों को उजागर किया गया है उससे यह साफ है कि तहसील कार्यालय में कर्मचारियों की मनमानी चलती है।
बाबू राज पूरी तरह हावी है। राजस्व से संबंधित छोटे-छोटे कार्य जिसे तय समयावधि में पूरा किया जा सकता है उसके लिए आवेदनकर्ताओं को घुमाया जाता है। नामांतरण और बटांकन जैसे कार्य के लिए राशि की मांग की जाती है। राजस्व दस्तावेजों को सुधारने के नाम पर भी राशि मांगी जाती है। आलम ये कि तहसील कार्यालय में कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होता है। यही कारण है कि रिट याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण व बिलासपुर एसडीएम को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।