भोपाल में राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

डा. मोहन यादव ने कहा कि ऐसे सभी रिसर्च को प्रोत्साहन देने के लिए जो पढ़े-लिखे नहीं भी हैं, वो भी अगर कोई अनूठे आविष्कार लेकर आते हैं, तो विज्ञान भारती इसका प्रबंध करें। हर साल अपनी प्रतिभा के बल पर जो भी होनहार लोग हैं, वो अपनी प्रतिभा को लाकर इस तरह के आयोजन में भागीदार बने।
सीएसआईआर एम्प्री और विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत एवं अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित थे। इस दौरान
एम्प्री के निदेशक प्रो. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, विज्ञान भारती के संगठन सचिव डा. शिवा कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अनुसंधान संदेश एवं स्मारिका राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का विमोचन किया। इसी क्रम में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र विज्ञान संवर्धन सम्मान कवि संतोष चौबे को दिया है।
डा. मोहन यादव ने कहा कि ऐसे सभी रिसर्च को प्रोत्साहन देने के लिए जो पढ़े-लिखे नहीं भी हैं, वो भी अगर कोई अनूठे आविष्कार लेकर आते हैं, तो विज्ञान भारती इसका प्रबंध करें। हर साल अपनी प्रतिभा के बल पर जो भी होनहार लोग हैं, वो अपनी प्रतिभा को लाकर इस तरह के आयोजन में भागीदार बने।
उन्होंने कहा कि विज्ञान भारती द्वारा आज राष्ट्रभाषा हिंदी और विज्ञान सम्मेलन अर्थात विज्ञान में हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए तकनीकी रूप से स्व-भाषा को बढ़ावा देने का एक बड़ा अभियान शुरू हुआ है, ये चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन है।

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