इंदौर। महू क्षेत्र के आम्बाचन्दन गांव में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की जांच में मजदूरों की लापरवाही सामने आई है। मजिस्ट्रियल जांच में इसका खुलासा हुआ। मौका निरीक्षण के साथ ही मजदूरों, घायलों और फैक्ट्री संचालक के बयान के बाद तैयार हुई रिपोर्ट में लापरवाही को विस्फोट की मुख्य वजह माना गया है।
जांच में सामने आया कि बारूद तोलने के उपयोग में आने वाले बाट के गिरने से निकली चिंगारी से विस्फोट हुआ था। गौरतलब है कि हादसे में कई लोग घायल हुए थे, जबकि तीन की उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
महू के आम्बाचंदन गांव की पटाखा फैक्ट्री में आग की घटना की अपर कलेक्टर गौरव बेनल द्वारा मजिस्ट्रियल जांच पूरी कर ली गई है। जांच में पता चला कि कर्मचारी रोहित परमानंद, अर्जुन राठौर और उमेश चौहान एक कमरे में काम कर रहे थे। वे सुतली बम बना रहे थे। कमरे में कच्चे माल के रुप में सुतली, सल्फर, एल्युमिनियम पाउडर और अन्य सामग्री रखी थी। इस दौरान फैक्ट्री में बारूद तौलने के लिए रखे बाट गिरने से चिंगारी उठी और बारूद में आग लग गई। इससे फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। जांच के दौरान मौका मुआयना किया गया। वहीं फैक्ट्री मालिक, मजदूर सहित 9 लोगों के बयान लिए गए थे।अधिकांश ने घटना की वजह बाट के गिरने से चिंगारी उठना बताया।
जांच के दौरान फैक्ट्री में कई खामियां भी उजागर हुई। सुरक्षा को अनदेखा किया जा रहा था। विस्फोटक सामग्री के भंडारण के पास ही पटाखों को सुतली से बांधने का काम भी किया जा रहा था। जबकि यह काम भंडारण से अलग होना चाहिए। घटना के समय फैक्ट्री में 15 किलो विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। वहीं फैक्ट्री में लोहे के दरवाजे लगे थे। जबकि लोहे का उपयोग कम होना चाहिए।
