माही जब मायके से ससुराल पहुंचीं तो छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुसार कुलदेवी की पूजा-अर्चना की। आमतौर पर ससुराल पक्ष के सभी सदस्यों के लिए बहू उपहार भेंट करती हैं, लेकिन माही ने उपहार के साथ सभी सदस्यों और अतिथियों को हनुमान चालीसा भेंट किया। परिवार के सभी सदस्यों के बीच विशेष उपहार के रूप में हाथ जोड़ते हुए रामचरित मानस को सबके समक्ष रखा। तभी उपस्थित पुरोहितों ने कहा कि बिटिया इसे सिर्फ ग्रंथ के रूप में भेंट कर रही हो या पाठ भी करती हों। तभी माही ने अपने मीठे स्वर में राम कथा का पाठ किया। इसे सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। पुरोहितों ने उपस्थित सभी जनों से कहा कि समाज में यदि बदलाव लाना है तो हर घर की बेटियों को प्रभु श्रीराम के आदर्श को इसी तरह अपनाना होगा।
माही ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कथा और पाठ बचपन से कर रही हैं। उनकी मां सुशीला साहू प्रतिदिन रामचरित मानस का पाठ करती हैं। इसलिए कई चौपाइयां कंठस्थ हैं। जनवरी में अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा के बाद मन में और भी उत्साह का संचार हुआ। ससुराल में अब सभी के साथ पाठ जारी रखेंग|
पंडित मनोज तिवारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेटियां जब मायके से विदा होती हैं तो अपने साथ लड्डू गोपाल भी लेकर चलती हैं। ऐसी मान्यता है कि लड्डू गोपाल भगवान की सकारात्मक ऊर्जा मां और बच्चे दोनों के शरीर में उत्साह और आनंद भर देती हैं। यही नहीं उन्हें नकारात्मक ऊर्जाओं और तनाव से भी बाहर निकलने में मदद मिलती हैं।
