शिप्रा नदी में स्नान के लिए उतरे श्रद्धालुओं को फिसलते, गिरते देख व्यापारी दौड़े सीढ़ियां साफ़ करने

उज्जैन। राम घाट पर मंगलवार को शिप्रा नदी में स्नान के लिए उतरे श्रद्धालुओं को फिसलते, गिरते देख व्यापारी दौड़े और उन्हें संभाला। एक को 108 नंबर पर काल कर एम्बुलेंस से अस्पताल भी भेजा। कोई गंभीर हादसा न हो, इस ध्येय के साथ 25-30 हार-फूल, शृंगार सामग्री बेचने वाले फुटकर व्यापारियों ने कमर कस सीढ़ियों पर जमी काई साफ करना शुरू किया। छह घंटे के सतत् श्रमदान के बाद रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट की सीढ़ियां काई मुक्त होकर स्वच्छ, चमकती नजर आईं।
जानकारों का कहना है कि प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। 1 से 9 अप्रैल के बीच शिप्रा के नहान क्षेत्र में कान्ह का प्रदूषित पानी न मिले, इस भावना से कान्ह नदी को ही यथासंभव खाली किया जा रहा है। ताकि बाद में किसी वजह से नदी में प्रवाह बढ़े भी तो इसका प्रभाव शिप्रा नदी पर न पड़े। कान्ह नदी को लगभग आधा खाली करने के बाद कुछ दिनों में नर्मदा का स्वच्छ जल पाइपलाइन से शिप्रा के नहान क्षेत्र में भरा जाएगा। ऐसे में 9 अप्रैल को रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट पर श्रद्धालु नदी में स्वच्छ, दुर्गंध रहित पानी देख पाएंगे।
व्यापारी सोनू सेन, दिनेश पंवार, रामप्रसाद रायकवार ने ‘नईदुनिया’ से कहा कि यदि किसी ओर के भरोसे रहते तो कोई गंभीर हादसा हो सकता था। इसलिए किसी की राह न तककर हमने घाट की सीढ़ियों पर जमी काई साफ करना शुरू की। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक श्रमदान के बाद घाट का नजारा बदलते देख अच्छा महसूस हुआ।सफाई के लिए ब्रश और बाल्टी नगर निगम ने हमें उपलब्ध कराई थी।
मालूम हो कि रामघाट पर 9 अप्रैल को 25 लाख दीप एक साथ प्रज्ज्वलित किए जाने का विश्व रिकार्ड बनाने को प्रस्तावित शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम की तैयारियों के चलते प्रशासन शिप्रा नदी में भरा कान्ह का प्रदूषित पानी शहर से आगे बहाकर उसमें नर्मदा का स्वच्छ-शुद्ध जल भरने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में सभी स्टापडैम के गेट खुले हैं। गंदे पानी की वजह से विभिन्न घाटों की सीढ़ियों पर काई जमा हो गई है। काई की वजह से नदी में स्नान करने आए श्रद्धालु फिसलकर गिर-पड़ रहे हैं। मंगलवार सुबह जब श्रद्धालुओं को व्यापारियों ने फिसलते-गिरते देखा तो उन्होंने श्रमदान कर सीढ़ियों की सफाई शुरू की। इस दरमियान नगर निगम के कर्मचारी फायर फाइटर की मदद से सीढ़ियों पर जमी काई और गाद भी साफ करते दिखे।
सीवेज युक्त प्रदूषित कान्ह नदी को खाली करने के लिए जल संसाधन विभाग ने पिपल्याराघो बैराज के गेट भी खोल दिए है। इससे प्रदूषित पानी पूरी क्षमता से शिप्रा में मिल गऊघाट, भूखी माता घाट, रामघाटा, दत्त अखाड़ा, चक्रतीर्थ घाट होकर शहर आगे की ओर बहाया जा रहा है। ऐसा, 9 अप्रैल को रामघाट पर होने वाले शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम को लेकर अतिरिक्त सर्तकता बरतना है।

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