किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों पर सरकार द्वारा दिए गए प्रस्तावों को ठुकरा दिया है। किसानों ने बीती रात शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है और अब 21 फरवरी से दिल्ली मार्च जारी रहेगा।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को चेतावनी दी है कि ‘अब जो भी होगा’ उसके लिए वह जिम्मेदार होगी।
भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर गुट के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा- केंद्र सरकार की नीयत सही नहीं है। हमने सरकार के समक्ष मांगें रखीं थीं और प्रस्ताव केंद्र ने दिया था। हमें प्रस्ताव मंजूर नहीं है।
बातचीत के रास्ते खुले हैं। अब केंद्र सरकार को फैसला करना है कि वह क्या चाहती है। हमारी जब तक सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, संघर्ष जारी रहेगा।
जाहिर है कि जो किसान पहले से ही दाल या अन्य वैकल्पिक फसलें पैदा रहे हैं, उन्हें एमएसपी का कोई फायदा नहीं होगा।
किसान शांतिपूर्ण मार्च करना चाहते हैं। हिंसा का सवाल पहले हरियाणा सरकार से पूछना चाहिए कि उन्होंने हजारों की संख्या में अर्द्धसैनिक बल क्यों तैनात किए हैं।