हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, पंजाब सीएम के घर के बाहर वाली सड़क नहीं खोली जाएगी

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री आवास के बाहर वाली सड़क सार्वजनिक तौर पर खोलने का आदेश दिया था। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर वाली सड़क को 1980 के दशक में बंद कर दिया गया था। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया था, क्योंकि उस वक्त पंजाब में उग्रवाद का दौर था। अब उस सड़क को खोलने की मांग उठी और मामला हाईकोर्ट पहुंचा। जहां हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चंडीगढ़ के सेक्टर 2 स्थित पंजाब सीएम आवास के बाहर वाली सड़क को परीक्षण के तौर पर 1 मई से आम लोगों के लिए खोलने का आदेश दिया। 500 मीटर लंबी यह सड़क चंडीगढ़ की सुखना झील को नया गांव इलाके से जोड़ती है।
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और जस्टिस लापीता बनर्जी की खंडपीठ ने सीएम आवास के बाहर वाली सड़क को शुरुआत में कार्य दिवसों पर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने का आदेश दिया था ताकि उस इलाके में यातायात की स्थिति में सुधार हो सके। हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर प्रशासन को पता चलता है कि इस सड़क पर कोई विरोध प्रदर्शन हो तो प्रशासन उचित कदम उठाने के लिए स्वतंत्र है ताकि प्रदर्शनकारी संवेदनशील हिस्सों तक न पहुंचे। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में यातायात व्यवस्था और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों पर स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिे थे।
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और दलील दी कि हाल के वर्षों में पंजाब में फिर से उग्रवाद का उभार देखा गया है। राज्य के खुफिया विभाग की इमारत पर भी ग्रेनेड से हमला किया गया है। पंजाब सरकार की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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