सतना। समर्थन मूल्य खरीदी में अभी तक 17 लाख 36 हज़ार 460 रुपए क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी है। इस ख्ररीदी के विरुद्ध किसानों को 4 अरब 16 करोड़ 75 लाख 5 हज़ार 874 रुपए का भुगतान किया जाना है। लेकिन अभी तक महज 1अरब 26 करोड़ 92 लाख 8 हज़ार 625 रुपए का भुगतान हो सका है। भुगतान न हो पाने के पीछे की वजह किसानों से खरीदी गई उपज का भण्डारण नहीं कराना है। क्योंकि भुगतान उन्ही किसानों का होता है जिनकी उपज खरीदी केन्द्र से वेयर हाउस में भंडारित करवा कर उनका स्वीकृति पत्रक जारी होता है। जानकारी के अनुसार सतना जिले में अभी तक 23,131 किसानों ने अपनी गेहूं की उपज खरीदी केन्द्रों में बेची है। बेची गई उपज में से 14,977 किसानों की उपज परिवहन की जाकर गोदामों में पहुंचाई जा सकी है। इनका स्वीकृत पत्रक जारी होने के बाद भुगतान हो गया है। शेष किसानों का भुगतान परिवहन के अभाव में नहीं हो पा रहा है। कई खरीदी केन्द्रों में तो किसानों को उपज बेचे 20 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक उनका भुगतान नहीं हो सका है। जबकि शासन का दावा उपज विक्रय के बाद 7 दिन में भुगतान करने का है।
17 लाख 36 हज़ार 460 रुपए क्विंटल हो चुकी खरीदी में से अभी तक 11 लाख 82 हज़ार 526 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो सका है। जो कुल हो चुकी खरीदी का 77.85 फीसदी है।
खरीदी केन्द्रों से भण्डारण के लिए उठाव की गति काफी धीमी है। हालात यह है कि खरीदी केन्द्रों में 15 लाख 18 हज़ार 953 रुपए क्विंटल गेहूं बोरियों में पैक किया जाकर गोदाम भेजे जाने के लिए तैयार है।
खरीदी केन्द्रों का कहना है कि रेडी टू ट्रांसपोर्ट किए जाने के एक -एक हफ्ते तक उठाव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में खरीदी केन्द्रों में आने वाले नए किसानों को उपज रखने के लिए जगह का अभाव हो रहा है। जिससे खरीदी की गति भी धीमी हो रही है। इनकी मांग है कि रेडी टू ट्रांसपोर्ट हो चुके गेहूं के परिवहन में तेजी लाने की जरूरत है।