800 साल प्राचीन नागतीर्थ शिखरधाम मंदिर से जुड़ी लाखों भक्तों की आस्था

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के नागतीर्थ शिखरधाम भिलटदेव मंदिर में आज नागपंचमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां आज से शुरू हुआ मेला 13 अगस्त तक चलेगा। आज यहां 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
निमाड़-मालवा का प्रसिद्ध नागतीर्थ शिखरधाम भिलटदेव मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर करीब 800 वर्ष पुराना है। विविध किंवदंतियों के साथ प्रसिद्ध इस मंदिर में नागपंचमी पर विशेष मेला लगा है। इसमें आज पांच लाख से अधिक श्रद्धालु के पहुंचने की संभावना है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यहां पर उज्जैन के महाकाल महालोक की तर्ज पर भिलटदेव महालोक बनाने की घोषणा की थी, जिसके तहत यहां पर भिलटदेव महा नागलोक का निर्माण जारी है। यहां शिखरधाम की पहाड़ी से सतपुड़ा का प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य देखते ही बनता है। हालही में यहां पर तीन किमी लंबी नई सीसी रोड भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाई गई है।
हरदा जिले में हुआ था भिलटदेव का प्राकट्य
नागलवाड़ी शिखरधाम भिलटदेव मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश यादव के अनुसार यह मंदिर 800 वर्ष प्राचीन है। कहा जाता है कि विक्रम संवत 2012 में भिलटदेव का प्राकट्य मप्र के हरदा जिले के रोल गांव में जन्म हुआ था।

सतपुड़ा पर्वत की चोटी पर करीब 2200 मीटर की ऊंचाई पर विराजमान है भिलटदेव सरकार। नागलवाड़ी शिखरधाम भगवान की तपस्या स्थली है। मंदिर का जीर्णोद्वार राजस्थानी बंशी पहाड़पुर गुलाबी रंग के पत्थरों से वर्ष 2015 में हुआ था।
मुआवजे की राशि मंदिर को कर दी थी समर्पित
प्रसिद्ध वयोवद्ध संत श्री सियाराम बाबा ने मुआवजे में प्राप्त दो करोड़ 33 लाख रुपये की राशि यहां समर्पित कर शिखरधाम पर चार विशाल छायादार शेड व स्टील की रैलिंग लगवाईं। भव्य भक्त निवास भवन का निर्माण तथा तीन किमी के पहाड़ी रास्ते पर पांच छायादार शेडों का निर्माण कराया।13 अगस्त तक मनाया जाएगा पर्व
गौरतलब है कि नागलवाड़ी में स्थित प्रसिद्ध भिलट देव मंदिर में नागपंचमी पर्व 9 से 13 अगस्त तक मनाया जाएगा। इस बार पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा। इस आस्था के मेले में पांच लाख से अधिक भक्त दर्शन करने पहुंचेंगे।

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